BSP विधायकों का विलय कर गहलोत और मजबूत, पायलट का घटेगा कद?

राजस्थान में जिस तरह एक नाटकीय घटनाक्रम में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए, उसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े राजनैतिक दांव की शुरुआत माना जा सकता है। कांग्रेस के अंदर उनके इस कदम को कैबिनेट और प्रदेश कांग्रेस कमिटी (पीसीसी) में फेरबदल की कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं। ऐसे में सीएम गहलोत राजनीतिक और सामाजिक संतुलन साधने के लिए कांग्रेस आलाकमान से बदलाव की गुजारिश कर सकते हैं। 


गहलोत करेंगे नए पीसीसी चीफ की मांग?
कांग्रेस के अंदर इस बात को लेकर काफी सस्पेंस है कि क्या गहलोत एक नए पीसीसी अध्यक्ष और दूसरे डेप्युटी सीएम की मांग कर सकते हैं। वर्तमान में गहलोत के मुख्य प्रतिद्वंद्वी और डेप्युटी सीएम सचिन पायलट के पास पीसीसी चीफ का पद है। पायलट अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं और निकाय चुनाव को देखते हुए कुछ कांग्रेस नेता फुलटाइम पीसीसी चीफ चाहते हैं। हालांकि पायलट को भरोसा है कि दोनों पद उनके पास बरकरार रहेंगे।



  • राजस्थान में नाटकीय घटनाक्रम के तहत 6 बीएसपी विधायकों का कांग्रेस में विलय

  • मर्जर के साथ ही सीएम गहलोत हुए और मजबूत, अब कैबिनेट फेरबदल की तैयारी

  • सचिन पायलट का पूरा हो रहा है कार्यकाल, फुलटाइम पीसीसी चीफ की उठ रही मांग

  • राजनीतिक, सामाजिक संतुलन के लिए गहलोत आलाकमान से ले सकते हैं हरी झंडी